आरक्षण ------आरक्षण की आग में
राजनीती के भाड़ में
जनता सारी जल रही
इन दोनों की राड़ में
एकता ------देश के कर्ण धार जानते हैं
एकता क्या और कैसे होती है
अपनी -अपनी तोड़ पार्टी
एकता की शुरुआत होती है
धातु मिश्रण -राजनीति में आदमी
आदमियों को गला रहा है
कोई स्वर्ण गला रहा है
कोई चांदी पिघला रहा है
कोई दोनों को ही ना गला
गिलिठ को चमका रहा है
तो कोई सभी का मिश्रण कर
नई धातु बना रहा है
Thursday, January 29, 2009
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