राजस्थान कोर्ट मैं एक आदमी ने जहर खाया क्योंकि वो भारत के लोकतंत्र में न्याय के लिए ३२ साल से भटकता फिर रहा था पर न्याय नहीं मिला ,ये १ उदाहरन है ,न्याय ना मिलने के कारण देश में ना जाने कितने लोग आत्महत्या कर रहे है यदि आंकड़े एकत्रित करे जाए तो पता चलेगा पर लोकतंत्र मैं सबकुछ वाजिब है ,लोकतंत्र में कोई भी न्यायाधिकारी किसी भी व्यक्ति की परिस्तिथि नहीं देखता उसका काम तो केवल तारीख पे तारीख देना है कोई भी अपनी discrishan पावर का इस्तेमाल नहीं करता और सही व्यक्ति या तो धक्के खाता रहता है या जेल की हवा खाता है और न्याय के अभाव में बदमाश और गुंडे ,जोड़तोड़ करने वाले अथवा पैसे देकर काम करवाने वाले मजे लेते रहते हैं क्योंकि यही तो लोकतंत्र है ।
Wednesday, February 29, 2012
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