१५ जनवरी कि रात को खिड़की एक्सटेंसन में पुलिस इंस्पेक्टर ने दिल्ली सरकार के मंत्री सोमनाथ भारती के साथ किया ,क्या वो प्रोटोकाल के मुताबिक ठीक था या एक इंस्पेक्टर को जो कि राज्य सर्कार का कर्मचारी है और एक मंत्री जो कि जनता के द्वारा चुना हुआ एक प्रतिनिधि है ( ओर जनता के द्वारा चुना हुआ प्रतिनिधि चाहे वो गाँव का प्रधान ही क्यों ना हो पुलिस कमीशनर से ज्यादा हैसियत रखता है प्रोटोकाल के मुताबिक, फिर राज्य का मंत्री तो बहुत बड़ी बात है )ओर फिर एक मामूली सा पुलिस इंस्पेक्टर एक मंत्री से इस प्रकार का व्यवहार कि वो उसे ऊँगली दिखाकर ,आँखें तरेरकर ,मनो कि मंत्री को खा ही जाएगा ओर उसके आदेश कि अवहेलना करना क्या तर्क संगत है या प्रोटोकॉल कि बेइज्ज्ती नहीं है या वो क्राइम नहीं है ,हमारे हिसाब से तो उसने बहुत बड़ा क्राइम किया है जिसके लिए उसको माफ़ नहीं किया जा सकता ,ये तो सरासर पुलिस कि गुंडागर्दी है ,क्या कोई व्यक्ति उपरोक्त कथन के ऊपर विवेचना करके अपना प्रत्युत्तर देगा ,कि क्या मैं ठीक कह रहा हूँ
क्या गृहमंत्री के साथ कभी कोई पुलिश वाला ऐसा आचरण करेगा तो उनको कैसा लगेगा ,
क्या गृहमंत्री के साथ कभी कोई पुलिश वाला ऐसा आचरण करेगा तो उनको कैसा लगेगा ,
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