भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहाँ पर लोकतंत्र में समूह के रूप में राजनितिक पार्टियां चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड होती हैं और उनमे एकछत्र राज्य ,या राजा की संभावना नगण्य होती है पर पिछले कुछ समय से हम वो देख रहे हैं जो कभी भी नहीं देखा था ,हमेशा ५ साल में या कभी कभी बीच में भी चुनाव होते थे पर पार्टियों के नाम ही सुनते थे और उनकी ही सरकार आती थी ,कभी कांग्रेस की सरकार कभी भाजपा की सरकार ,कभी जनता की सरकार ,कभी मिली जुली सरकार ,कभी एन डी ऐ की सरकार तो कभी यु पी ऐ की सरकार और प्रदेशों में सपा की सरकार ,बसपा की सरकार या दुर्मुख की सरकार आदि आदि ,पर ऐसा कभी नहीं सूना की जैसा आज सुन रहे हैं भाजपा की जगह ,मोदी की सरकार ,चारों और एक ही आवाज है मोदी की सरकार लाओ देश को बचाओ ,क्या भाजपा की सरकार लाओ कहने में क्या बुराई थी ,क्या मोदी के अलावा और कोई नेता पावरफुल नहीं बचा भाजपा में ,या पहले कभी इन्होने ऐसा क्योँ नहीं कहा ,सभी मात्र मोदी जी का गाना क्योँ गारहे हैं ,क्या ये नारा आर एस एस का तो नहीं ,जो देश को तानाशाह की और ले जा रही हो और मोदी को देश का तानाशाह बनाने की ओर पहला कदम हो ,और देश की जनता को बेवकूफ बनाया जा रहा हो ,और जब तक देश की जनता जागेगी तब तक देश का ढांचा तानाशाह और फसिसिमवाद में बदल चुका होगा और जो आज भोली भली जनता कहूँ या बेवकूफ या नासमझ जो मोदी को बिना सोचे समझे उसकेमसमर्थक बने हुएं हैं हाथ मलते रह जाएंगे और फिर कुछ ना कर सकेंगे |
जिस देश की पढ़ी लिखी जनता यदि ये भी नहीं समझती की लोकतंत्र में पार्टी से आगे मात्र एक नाम को बढ़ावा देना और उसके नाम को ही आगे रखना ,या सभी जगह उसका वर्चस्व स्थापित करना या उसी के चित्र को प्रदर्शित करना या विज्ञापन भी मात्र एक नाम का ही करना या पी एम भी एक व्यक्ति को ही घोषित करना ,या उस एक व्यक्ति के आगे ही बड़े बड़े नेताओं का घुटने टेक देना या उस व्यक्ति के द्वारा सभी नेताओं को चुप करा देना या उनकी एक ना चलने देना क्या शो (प्रदर्शित )करता है ,इसको कहते हैं एकछत्र राज्य ,जो की भारत जैसे देश को मान्य नहीं होगा |
मेरे विचारों में तो देश एक गलत राह पर जा रहा है जिसे आर एस एस और भाजपा दोनों ही एकछत्र राज्य ,डिक्टेटरशिप और फसिस्मवाद की और धकेल रहे हैं जिसका नतीजा अच्छा नहीं होगा ,मोदी सरकार की जगह भाजपा सरकार बोलने में क्या प्रॉब्लम थी |
जिस देश की पढ़ी लिखी जनता यदि ये भी नहीं समझती की लोकतंत्र में पार्टी से आगे मात्र एक नाम को बढ़ावा देना और उसके नाम को ही आगे रखना ,या सभी जगह उसका वर्चस्व स्थापित करना या उसी के चित्र को प्रदर्शित करना या विज्ञापन भी मात्र एक नाम का ही करना या पी एम भी एक व्यक्ति को ही घोषित करना ,या उस एक व्यक्ति के आगे ही बड़े बड़े नेताओं का घुटने टेक देना या उस व्यक्ति के द्वारा सभी नेताओं को चुप करा देना या उनकी एक ना चलने देना क्या शो (प्रदर्शित )करता है ,इसको कहते हैं एकछत्र राज्य ,जो की भारत जैसे देश को मान्य नहीं होगा |
मेरे विचारों में तो देश एक गलत राह पर जा रहा है जिसे आर एस एस और भाजपा दोनों ही एकछत्र राज्य ,डिक्टेटरशिप और फसिस्मवाद की और धकेल रहे हैं जिसका नतीजा अच्छा नहीं होगा ,मोदी सरकार की जगह भाजपा सरकार बोलने में क्या प्रॉब्लम थी |
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