जब व्यक्ति राजनीती में चला जाता हैं
और जब राजनेता बन जाता है
तो उसका भेजा खराब हो जाता है
सर्व प्रथम अपनों को खाता है
फिर, मित्र, पड़ोसियों को खाता है
फिर सम्पूर्ण देशको खा जाता है ।
और जब राजनेता बन जाता है
तो उसका भेजा खराब हो जाता है
सर्व प्रथम अपनों को खाता है
फिर, मित्र, पड़ोसियों को खाता है
फिर सम्पूर्ण देशको खा जाता है ।
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