कब्रिस्तान के बीच से एक चीखती हुई आवाज सुनाई देती है
मैं विदेशों की ऐश छोड़कर आया हूँ भाइयो मैं पी एम् मोदी हूँ
और फिर उनकी चीख रोने जैसी आवाज में बदल जाती है
मैं तुम्हारे बिना जी नहीं सकता क्योँकि मैं रोज मरता जीता हूँ
और फिर सभी मुर्दे अंध भक्तों की भांति पिघल जाते हुए कहते हैं
मोदी जी तुम कुछ भी करो हम तुम्हारे साथ हैं ।
मैं विदेशों की ऐश छोड़कर आया हूँ भाइयो मैं पी एम् मोदी हूँ
और फिर उनकी चीख रोने जैसी आवाज में बदल जाती है
मैं तुम्हारे बिना जी नहीं सकता क्योँकि मैं रोज मरता जीता हूँ
और फिर सभी मुर्दे अंध भक्तों की भांति पिघल जाते हुए कहते हैं
मोदी जी तुम कुछ भी करो हम तुम्हारे साथ हैं ।
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