Friday, February 17, 2017

seema ( hud )

जब बर्दाश्त की हद हो जाती है तो,
 पेड़ उखड जातें है
 पहाड़ टूट जाते हैं
बादल  फट  जाते हैं ,
और महल ढह जाते हैं ।


हवाओं के चलने से
पर्वतों में सुराख नहीं हो जाते
बल्कि वो सशक्त हो जाते हैं
तूफानी हवाओं को झेलने हेतु ।

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