क्या भारत में लोकतंत्र है ?
शायद नहीं ,
क्योँकि अब उसका नाम भौंक तंत्र हो गया है |
देश में बहुत सार चैनल हैं जिसमे से ४० के करीब तो बड़े बड़े घरानों के हैं और वो भी उन घरानों के जिनका काम मोदी जी के कारण चल रहा है तो वो सभी चैनल तो परमानेंट मोदी सर्कार के पिट्ठू हैं और बाकी के चैनलों में काफी ऐसे हैं जो मोदी सरकार के टुकड़ों पर पल रहे हैं या यौ कहिये की मोदी सरकार ने उनको खरीद लिया है पत्रकारों सहित ,
अब कुछ चैनल हैं जो ईमानदारी से काम तो कर रहे हैं पर वो सपने में भी मोदी सर्कार की आलोचना नहीं करते ,क्योँकि उनको भय है की जिस दिन वो मोदी या मोदी सरकार की आलोचना करेंगे उसी दिन उनको बंद करवा दिया जाएगा |
अब बच कुछ के एक चैनल बचा जिसका नाम है N D T V जो पूरी ईमानदारी के साथ सत्य मार्गी होने के साथ मोदी सरकार के गलत कारनामों की आलोचना हेतु जाना जाता है जिस के मालिक हैं प्रणव राय ,जो बहुत ही उत्कृष्ट ,ईमानदार ,और कर्तव्य निष्ठ पत्रकार भी हैं और भारतवर्ष में जाने माने हैं ,और उसी चैनल के एक पत्रकार हैं रविश कुमार जिनकी ख्याति आज विश्व स्तर पर है और वो मोदी जी के खुराफातों की भरपूर आलोचना भी करते हैं ,अब उसको मोदी जी खरीद नहीं सके दुसरे अभी दो दिन पहले भाजपा प्रवक्ता संबित पात्र जो की बहुत ही मुंहफट और बड़बोले प्रवक्ता हीं नहीं बल्कि बदतमीजी करने में भी नहीं चूकते ,तो उनको चैनल की एक ंत्रकार राजदान ने उनकी बेवकूफियों पर थोड़ा सा डाट डपट दिया तो इसका अंजाम उन्होंने ३ दिन के अंदर ही चैनल के मालिक प्रणव राय के घर सी बी आई का छपा डलवाकर प्रतिशोध पूरा कर लिया
क्या ये आपातकालीन घोषणा नहीं है की जो मोदी जी की बात ना माने उसे रगड़ा लगा दो ,परन्तु मोदी जी या संबित पत्र नहीं जानते आग की एक चिंगारी ही पूरे विश्व को जला सकती है फिर उनका साम्राज्य तो क्या चीज है ,अंत मई अब ये ही कहूंगा की अब मोदी जी या मोदी जी भक्तों के अच्छे दिन लद चुके क्योँकि ओ अपनी कब्र खुद खोद चुके हैं और खोद रहे हैं बस अब दफनाने वालों की जरूरत हैं
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