देश की गरीब और माध्यम दर्जे की जनता के खून पसीने का ८४ हजार ५०० करोड़ रुपया कारपोरेट जगत का मोदी जी के राज में इस वर्ष बैंकों ने डाला बट्टे खाते में यानी की अब आना ही नहीं है इसका जवाब जनता को कौन देगा ,आखिर बैंक्स और मोदी सरकार इतने मेहरनबान क्योँ हैं कॉर्पोरेट की बड़ी बड़ी हस्तियों पर ,अवश्य कुछ तो दाल में काला है जो छुपाया जा रहा है |
Wednesday, August 9, 2017
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