आँख होने के बावजूद अंधे
जिस व्यक्ति ने अपना स्वार्थ सिद्ध करने हेतु ,अपनी पत्नी को तिलांजलि दे दी ,अपने परिवार को छोड़ दिया ,अपने गाँव तक को छोड़ दिया ,अपने राज्य के मुख्य मंत्री के पद तक को छोड़ दिया वो भला देश का प्रधानमंत्री बनकर ,केंद्र में रहकर भला कैसे कर सकता है और यदि इसके बाद भी उसका स्वार्थ सिद्ध होगा तो हो सकता है एक दिन देश को भी तिलांजलि दे दे ,फिर भी जनता सबकुछ देखकर उसकी अंध भक्त बनी है तो ये इस देश का दुर्भाग्य ही होगा |
जिस व्यक्ति ने अपना स्वार्थ सिद्ध करने हेतु ,अपनी पत्नी को तिलांजलि दे दी ,अपने परिवार को छोड़ दिया ,अपने गाँव तक को छोड़ दिया ,अपने राज्य के मुख्य मंत्री के पद तक को छोड़ दिया वो भला देश का प्रधानमंत्री बनकर ,केंद्र में रहकर भला कैसे कर सकता है और यदि इसके बाद भी उसका स्वार्थ सिद्ध होगा तो हो सकता है एक दिन देश को भी तिलांजलि दे दे ,फिर भी जनता सबकुछ देखकर उसकी अंध भक्त बनी है तो ये इस देश का दुर्भाग्य ही होगा |
No comments:
Post a Comment