कटाक्ष
कल तक जिस पुष्प को सूंघकर
खुशबू की प्रशंसा किया करता था
आज दुसरे पुष्प को सूंघ
अपनी नासिका को दे दिया है
किसी अन्य के हाथ में
कल तक जिस पुष्प को सूंघकर
खुशबू की प्रशंसा किया करता था
आज दुसरे पुष्प को सूंघ
अपनी नासिका को दे दिया है
किसी अन्य के हाथ में
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