मोदी जी का अध्यक्ष हेतु धन्यवाद प्रस्ताव
" अपने मुंह से मियाँ मिट्ठू बनना "
आज लोकसभा में अमित शाह जी के धन्यवाद प्रस्ताव में ,आदरणीय मोदी जी ने अपने " बुराई भाषण में जो कुछ भी कहा ,वो" कितना सत्य था और कितना असत्य "मैं उस चक्कर में ना पड़ते हुए यही कहूंगा की ऐसा प्रतीत हो रहा था की कोई अपरिपक्व नेता अपनी बातो से समूची लोकसभा को तालियों के बल पर अपनी प्रत्येक बात को सत्य साबित कराने का प्रयत्न कर रहा था जहाँ समूचा विपक्ष उनकी बातों का विश्वास नहीं कर रहा था ,पक्षी यानि भाजपाई ,सोते सोते ,तालियां बजा रहे थे ,और उनकी बातों का मजा ले रहे थे क्योँकि वो भली भांति जानते थे कि जितनी बाते या बुराई ,कांग्रेस पार्टी की कर रहे थे वो सभी बेमानी थी ,इसलिए मै तो यही कहूंगा कि "वो स्वयं ही मियाँ मिट्ठू बनने का प्रयत्न कर रहे थे ,
हाँ एक बात और ऐसा भाषण पहले कभी भी मैंने लोकसभा में किसी भी नेता या प्रधानमंत्री अथवा राष्ट्रपति के मुख से नहीं सुना ,इसके लिए मैं खुद मोदी जी को १०० में से १०० नंबर देता हूँ
" अपने मुंह से मियाँ मिट्ठू बनना "
आज लोकसभा में अमित शाह जी के धन्यवाद प्रस्ताव में ,आदरणीय मोदी जी ने अपने " बुराई भाषण में जो कुछ भी कहा ,वो" कितना सत्य था और कितना असत्य "मैं उस चक्कर में ना पड़ते हुए यही कहूंगा की ऐसा प्रतीत हो रहा था की कोई अपरिपक्व नेता अपनी बातो से समूची लोकसभा को तालियों के बल पर अपनी प्रत्येक बात को सत्य साबित कराने का प्रयत्न कर रहा था जहाँ समूचा विपक्ष उनकी बातों का विश्वास नहीं कर रहा था ,पक्षी यानि भाजपाई ,सोते सोते ,तालियां बजा रहे थे ,और उनकी बातों का मजा ले रहे थे क्योँकि वो भली भांति जानते थे कि जितनी बाते या बुराई ,कांग्रेस पार्टी की कर रहे थे वो सभी बेमानी थी ,इसलिए मै तो यही कहूंगा कि "वो स्वयं ही मियाँ मिट्ठू बनने का प्रयत्न कर रहे थे ,
हाँ एक बात और ऐसा भाषण पहले कभी भी मैंने लोकसभा में किसी भी नेता या प्रधानमंत्री अथवा राष्ट्रपति के मुख से नहीं सुना ,इसके लिए मैं खुद मोदी जी को १०० में से १०० नंबर देता हूँ
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