देश के वर्तमान हालात
इस वक्त देश के हालत इतने ख़राब हो चुके हैं हैं की कब क्या त्रासदी हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता ,शान्ति तो विगत ४ वर्षों से अपना मुंह पल्लू में छुपाये पता नहीं कहाँ घूम रही है , अब तो चहुँ और अशांति का ही साम्राज्य है ,
अब तो इसका समाधान यही है की सभी जाति, वर्ग ,सम्प्रदायों और धर्मों को संयम से काम लेना चाहिए वरना तो श्री श्री रविशंकर का कहा हुआ की ये देश सीरिया बन सकता है तो भाइयों उसका भयावह चेहरा देखने से तो अच्छा ये ही है की सभी मिलजुलकर आगामी चुनावों तक अपना समय गुजारो और जो भी कुछ करना हो वो सबकुछ अपने अधिकार का प्रयोग कर , कर दिखाना |
" आचार्य चाणक्य का कथन है कि यदि राजा निरंकुश हो जाए या दुशमन मजबूत हो तो उसको इस प्रकार से ढोते रहिये जैसे की शमशान घाट में मुर्दे के चहुँ और घड़ा लेकर व्यक्ति घूमता रहता है और जैसे ही समय पूर्ण होता है उसे जमीन पर पटक कर फोड़ दिया जाता है
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