कृपया समझने का प्रयत्न करिये क्योंकि ये डॉक्टर्स की भाषा है
अभी ऊपर वाले चिकित्सक की दया है कि भाजपाइयों का किडनी और लीवर अभी यथावत कार्य कर रहे हैं परन्तु कुछ सिकुड़न उनमे भी आ गई है ,क्योँकि प्रथम दृष्टया उनके कार्यों में भी कुछ शिथिलता साफ़ प्रदर्शित हो रही है ,परन्तु उनके अंग प्रत्यंग तो मुखयतयां सड़न के कगार पर पहुँच चुके हैं , उनमे सेप्सिस हो चुका है ,जो अक्सर डॉक्टर्स बताते हैं ,उनका कहना तो ये भी है की कह नहीं सकते की वो कब तक चल पाएंगे ,२०१९ भी पकड़ पाएंगे या नहीं ,उससे आगे के बारे में कुछ भी कहना मरीज के साथ अन्याय होगा ,
कुछ डॉक्टर्स के मुताबिक़ अब उनको मात्र दुआएं ही बचा सकती हैं ,परन्तु इन्होने बद्दुआएं इतनी एकत्रित कर ली हैं कि इन जैसे मरीजों का बचने में अक्सर संदेह पैदा होता है,
बाकी कुदरत का करिश्मा शायद ऐसे मरीजों को बचा सकता है डॉक्टर्स ने तो जवाब दे दिया है की आशा रखना व्यर्थ है ,यद्द्यपि वो पैसा तो पानी की भांति फूक रहे हैं ,परन्तु कभी कभी इस टाइप के मरीजों को पैसा भी नहीं बचा पाता|
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