Monday, March 16, 2009

नेता जी का भाषण

दूर से बहुत दूर से
चीखने की आवाज सुन
मैंने सोचा शायद
कोई सहायता हेतु
पुकार रहा है
फ़िर भी
संशय दूर करने हेतु
एह पथिक से पूछा
भाई ये क्या हो रहा है
तो तपाक से बोला
स्वार्थी ,निर्लज्ज
धूर्त , पाखंडी
अपनों को भी
धोखा देने वाला
नेता गला फाड़ -फाड़ कर
जनता को प्रलोभन दे
वोट मांग रहा है

2 comments:

Udan Tashtari said...

हा हा! हर गली में चुनाव तक यही कहानी है--बहुत बढ़िया.

इरशाद अली said...

क्या बात है रोचक प्रस्तुति है। धन्यवाद