Saturday, April 3, 2010

लोक तंत्र क़ा अंत जल्दी ही ,वरना व्यवस्था बदलो

आज के हालात और भ्रष्टाचार की चरम सीमा देखकर कोई भी आदमी आराम से कह सकता है की अब लोकतंत्र भारत में ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है क्योंकि लोकतंत्र क़ा मतलब होता है प्रत्येक व्यक्ति के लिए समान व्यवस्था ,और आज वो भारत में नहीं है यद्यपि क़ानून बनते हैं प़र लागू नहीं हो पाते यदि लागू हो जाते हैं तो उनका पालन नहीं होता ,नेता अधिकारी ,पुलिश और न्यायालय, गरीब अमीर ,शिक्षित और अशिक्षित आदमी और महिला,लड़का और लड़की ,सभी में भेदभाव करते हैं क्यों नहीं सभी को समान रूप से देखा जा रहा क्यों ना सबको एक ही नजर से देखते इसका सबसे बड़ा मुख्य कारण है भ्रष्टाचार ,जो नेता को पैसे देवे उसका काम हो जाता है ,जो न्याय पाने के लिए पुलिश को पैसे देवे उसको जो चाहे लिख दिया जाता है जैसी भी रिपोर्ट चाहिए ,चाहे वो कोई भी ऍफ़ ,एल हो ,मिल जाती है इसमें एक चोर सीध सादे आदमी को क़ानून के चक्कर में फंसा देता है और मोटे मोटे नाम वाले जिनका चेहरा देखकर ही उच्च कोर्ट के जज उनके क्लाइंट के पक्ष में फैसले दे देते हैं ,आखिर क्या क्या उनके मुंह पे सुरखाब के प़र लगे हैं ,प़र क्या लगा है वो में भी जानता हूँ और आप भी जानते हो इंग्लिश में एक अच्छा सा सब्द है बार्टर सिस्टम यानी के सेट्टिंग जहां हो जाए भला वहाँ काम क्यों नहीं होगा ,आज इन तीनों जनों की वजह से लाखों अच्छे लोग ,इसी लोकतंत्र में जेलों में साद रहे हैं और चोर बेईमान कर्रप्ट जिन्दगी के मजे ले रहे हैं ,हमारे समाज में पैसे की वजह से किसी क़ा भीम कोई दिन ईमान बचा ही नहीं है और जब पकडे जाते हैं तो कहते हैं की हमको तो झूटा ही फंसा दिया है जहां ये सब कुछ हो रहा है वहाँ आखिर कब तक लोकतंत्र रहेगा ये तो इश्वर ही जाने