Tuesday, April 6, 2010

लोकतंत्र में नक्सलवाद आखिर क्यों ?

कल की लोमहर्षक घटना जिसमे की नक्सलवादियो के द्वारा ७५ सैनिकों की ह्त्या कर दी गई ,आखिर इन सैनिकों का क्या दोष था ये तो बेचारे देश और प्रदेशों की रक्षा ही कर रहे थे यदि नक्सलियों को कोई परेशानी सरकार से है तो इन निरीह सैनिकों की ह्त्या के बजाय उनको सरकार से बातचीत करनी चाहिए और आखिर वो चाहते क्या हैं और क्या उनकी समस्याए हैं उनको अपनी समस्याए सरकार को बताकर उनका हल तलाशना चाहिए ,वरना इस तरह तो शरीफ सिपाही बेचारे मारे जाते रहेंगे ,और सरकार को भी चाहिए की उनको जल्दी जल्दी बातचीत के घेरे में लाये ,और इया समस्या का समाधान करे ,रोजाना ये सब देखकर ह्रदय द्रवित होता है ज़रा सोचिये जो शहीद हो गए हैं उनकी पत्नी और बच्चों का क्या दोष है जो की उनके सिर से साया उठा लिया गया ,और जैसा की गृह मंत्री साहब बातचीत के लिए कह रहे हैं आमंत्रित कर रहे है तो नक्सलियोंम के नेताओं को भी नम्रता से सोचना चाहिए

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