Tuesday, May 4, 2010
आखिर भारत में लोकतंत्र है
आज हमारे देश में कानून के रखवालों ने कसाब प़र अभी तक मुकद्दमे चलाकर ,उसकी प्रत्येक बात को पूर्णत:गौर करके ,यानी के कुछ भी नजर अंदाज ना करते हुए और उसको अपने बचाव के लिए पूर्ण स्वतंत्र करके सम्पूर्ण दुनिया को भलीभांति दिखा दिया कि भारत में अभी भी लोकतंत्र पूरी तरह ज़िंदा है ,उसकी क्षत्र छाया में चाहे वो अपने देश का वासी हो अथवा विदेशी उनके साथ निष्पक्षता से न्याय किया जाता है क्योंकि लोकतंत्र का मतलब ही सबको सामान रूप से देखना है
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2 comments:
भारत में लोकतंत्र है ,लेकिन उसे सही मायने में लागू करने के लिए हमलोगों को एकजुट होना पड़ेगा /
ये बस पाखण्ड है और कुछ नहीं.
ये लोकतंत्र तब कहाँ चला जाता है जब एक किसान पन्द्रह-बीस दिन भूखा रहने के बाद आत्महत्या कर लेता है.
आपको पता होना चाहिए कि अभी इसी सप्ताह लाखों टन अनाज सड़ा है बस राजस्थान की कांग्रेस सरकार की लापरवाही से.
क्या लोकतंत्र का यह कर्तव्य नहीं बनता कि भूख और महंगाई से तड़प रहे देश के लिए कुछ करे ?
यदि नहीं कर सकता तो कम से कम जो उपलब्ध है वह तो सड़ने से बचाए और सही मात्र में उहित व्यक्ति तक पहुंचाए.
धन्यवाद.
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