Sunday, May 23, 2010

आखिर सुप्रीम ने भी माना कि न्यायायिक नियुक्तियों करप्शन कैंसर कि तरह

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मना कि न्यायायिक नियुक्तिओं में भर्ष्टाचार केंसर कि तरह बढ चुका है जस्टिस जी एस सिंघवी कि अध्यक्षता वाली वेकेशन बैंच ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट को दोषी ठहराते हुए कहा कि हमने २० साल पहले ही न्यायायिक नियुक्तियों में भ्रष्टाचार प़र नरम रुख अख्तियार रखा और इससे कड़ाई से नहीं निपटा बैंच से जुड़े जस्टिस सी ,के ,प्रासाद ने कहा कि अगर वक्त रहते कार्यवाही कि जाती तो आज जैसी स्थिति है ,उससे बचा जा सकता था
उत्तर प्रदेश कि जिला अदालतों में जुड़े कलर्कों और एनी ऑफिस स्टाफ कि नियुक्तिओं से जुड़े केस कि सुनवाई करते हुए जस्टिस सिंघवी ने कहा कि ऐसे में हम दुसरे (महक्क्मों )से जुड़े सलेक्सन प्रोसेस में खामिओं प़र किस आधार प़र टिप्पड़ी कर सकते हैं ,क्या हमें नैतिक अधिकार है ?यानी के सुनील गुप्ता ने कहा कि नियुक्तिओं में करप्सन के मामले आम हो चुके हैं .याची ने बाराबंकी कि कोशाम्बी जिले कि अदालतों में १९ कलर्कों और ४ स्तेनोग्राफेरों और १ ड्राइवर कि नियुक्ति के दौरान दिस्तिक जजों प़र संदेहास्पद भूमिका अपनाने का आरोप लगाया है ,
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में आंसर शीत कि जांच कराई तो पाया कि सफल अभ्यार्थियों को तय मार्क्स से ज्यादा दिए गए ,इस परीक्षा में सामूहिक नक़ल का भी आरोप लगाया गया था ,हाई कोर्ट ने बाद में सभी नियुक्तियां रद्द कर दी थी जस्टिस सिंघवी ने कड़ी टिप्पड़ी करते हुए कहा कि जिला जजों को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए,
मेरी आदरणीय सिंघ्वी साहब से प्रार्थना है कि वो बताएं कि जब ये जिला जज प्रमोशन होकर ऊपर के एपेक्स कोर्ट हाई कोर्ट में जायेंगे तो क्या वहाँ प़र करप्शन नहीं होगा ,या जो जिला पहले से ही हाई कोर्टों में प्रमोशन होकर जा चुके हैं तो क्या वो भ्रष्टाचार नहीं फैला रहे होंगे ,अवश्य फैला रहे हैं और इसी लिए हाई कोर्ट से भिऊ गरीब और शरीफ आदमियों को न्याय नहीं मिल पा रहा और ना जाने कितने ही बेक़सूर मेरे जैसे और एनी आज भी टंगे हुए है तो क्रपा करके देखिये कि किस कोर्ट का जज क़ानून कि अनदेखी कर आम जनता को न्याय नहीं दे रहा तो उसको निकालने का भी प्रयत्न करें प़र देखने में आया है कि हाई कोर्ट के जज को तो हटाना भी सरकार या राष्ट्रपति तक के वश में नहीं है तो फिर चीफ जस्टिस भी भला क्या कर पायेंगे ,तो सबसे पहले तो आप करप्ट जजों को निकलवाने का अरेंजमेंट करें तभी तो भर्ष्टाचार खत्म होगा ऐसे जजों के कारण ही कितने निर्दोष व्यक्ति देश कि जेलों में गल रहे हैं प़र उनकी कोई सुनने वाला नहीं है

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