Friday, February 17, 2012

kewal U P kaa kharchaa (chunaawon me )

केवल उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र को स्थापित करने के लिए चुनाव पर दो लाख करोड़ का खर्चा आ रहा है तो इस हिसाब से हमारे की २८ राज्यों में चुनाव कराने लगभग ५० लाख करोड़ का खर्चा आयेगा यदि इसी तरह खर्च होते रहेंगे तो देश का क्या भला होगा ,मेरे हिसाब से तो एक विकसित देश के लिए कुछ अच्छा नहीं नहीं है यदि इतना पैसा गरीबों के उत्थान में लगाया जाए तो शायद देश को गरीबी जैसी महामारी से बचाया जा सकता है ,और इस खर्चे को भी हम ५ से डिवाइड नहीं कर सकते क्योंकि अब विधान सभाएं या लोक सभा अपना कार्यकाल पूरा ही कहाँ कर पाती हैं ।
अत: अब सरकार को चाहिए की देश हित में इसका और कोई तरिका तलाश करे ताकि सरकारें भी चलती रहे और गरीबी जैसा अभिशाप भी मिटे अथवा लोकतंत्र भी बरकरार रहे ।

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