Tuesday, December 3, 2013

बलात्कार

पिछले एक वर्ष से जबसे दिसंबर २०९१२ में निर्भय के साथ  गेंग रेप हुआ था तबसे लेकर आजतक मानो हमारे देश में बलात्कारों कि बाढ़ सी आ गई है ,प्रतिदिन का समाचार पत्र उठाये तो फ्रंट पेज पर ही बलात्कार कि घटनाओं से सामना हो जाता है ,टेलीविजन खोलेंगे तो पहला समाचार बलात्कार से संबंधित होता है ,रेडियो पर भी ऐसा ही है ,रेप या गेंगरेप बेवकूफ ,बिना पढ़े लिखे ,असंसाकारित ,मानसिक रोगियों और शराबियो के द्वारा किया जाना तो कुछ समझ में  आता है कि वो लोग अच्छे नहीं हैं वो गन्दी जगहों में रहते हैं ,या उनकी सौबत अच्छी नहीं होती इसलिए वो इस प्रकार का गंदा और भृतस्नापूर्ण कार्य करते हैं पर ,
जब हैम सुनते हैं कि बाबा,जो खुद को भगवान् कहते हैं ,जैसे कि बापू आशाराम .बावा कृपालु महाराज ,या पत्रकार तरुण तेजपाल या गांगुली जी जैसे उच्चतम न्यायालय के जज ,या कभी कोई वकील ,अच्छे बिजनेसमेन ,या डॉक्टर अपनी साथियों के साथ ,कहने का तातपर्य है कि एक वेल एजुकेटेड पुरुष भी ऐसे कार्य में लिप्त हैं जिनको हैम बलात्कार कि श्रेणी में रखते हैं ,आखिर इन लोगों को अपनी कामुकता के सामने ,अपनी आबरू ,इज्जत ,रूतबा ,पद या पारिवारिक स्तिथि नजर नहीं आती और ये साथी महिला या उनके अंडर में काम करने वाली महिला का यौन शोषण कर लेते हैं ,ये हालात तो तब हैं जबकि सरकार ने काफी कड़े कदम उठाये हैं ,इसमें फांसी तक का प्रावधान है और निर्भय के केश में ५ अभियुक्तों को फांसी कि सजा दी भी गई है ,
क्या होगा इस देश का जहां महिलाये सुरक्षित नहीं हैं औरजिस देश में महिलाओं को देवी मानकर देवालयों में स्थापित किया जाता है और उनकी पूजा कि जाती है ,आखिर ऐसे देश में हैम कैसे कह सकते हैं कि यहाँ लोकतंत्र है ,आज लोकतंत्र बदनाम हो चुका है क्यों   कि यहां आज भी महिलाओं को भोग कि वस्तु माना जा रहा है ,शर्म आती है हमको तो ,भगवान् ही भला करेंगे इस देश का |

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