आदरणीय केजरीवाल जी ,आखिर आपने जल्दी करने का नतीजा देख लिया ,ना आप जल्दी जल्दी में धरना देने का निर्णय लेते और ना ये जगहंसाई झेलनी पड़ती क्या आप जानते हैं कि कि आपकी टी आर पी में १ ही दिन में २०% का फर्क आ गया ,देश में १६८०० सदस्य कम हो गये ,जो लोग कल तक आपको और आपके साथियों को अच्छा अच्छा कहते थकते नहीं थे आज वो बकवास करने लगे आपको राजनीति का जरा भी ज्ञान नहीं ,आप महज नौकरी कर सकते हो ,आपके खानदान में किसी ने राजनीती कभी कि है जो खून में हो ,मुंह उठाया और चले राजनीती करने कोई गिल्ली डंडे का खेल नहीं हैं ,केजरीवाल तो पागल है ऐसा शिंदे साहब कहते हैं अब आप सोचिये आपके कार्य करता क्या क्या सहन करें ,कितना सहन करें ,दिल में तो क्या क्या आता है हैम आपको कह नहीं सकते राजपूती खून खौल जाता है ,
ये भी अच्छा ही हो गया कि उपराजयपाल जी ने अपने अधिकार से ऊपर जाकर आपका धरना खत्म कराने के लिए २ सिपाहियों को छुट्टी पर भेज दिया जो कि उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और उसके लिए उनको किस किस से कितनी सुन्नी पड़ी आप नहीं जानते ,परन्तु उनके इस कार्य से हमारी पार्टी कि आबरू बच गई और अब हमको भविष्य में ख्याल रखना पडेगा ,अब आपको चाहिए कि आप वो ही करें जो आपके और आपके मंत्रियों के प्रोटोकॉल के मुताबिक़ ठीक है ,भावनाओं में मत बहिये ,मेथड के अनुसार सोच समझकर कार्य करिये ,देर हो जाए कोई बात नहीं ,एक कहावत है "देर आये दुरुस्त आये "यहाँ और कोई अवार्ड नहीं मिलने वाला जो अवार्ड मिलना था मिल चुका अब आप अपनी कुर्सी पर बैठकर जनता के काम कीजिये
वास्तविकता को मानिये ,और वास्तविकता ये है कि हमको राजनीति कि बहुतंजानकारी नहीं है तो उसकी ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त कीजिये ,यदि हो सके तो कुछ बुजुर्ग नेता जो आपकी विचारधारा के हों उनको अपने सलाहकार नियुक्त कर लीजिये और उनसे सलाह लेकर ,आपस में विचार विमर्श करके ही कदम उठाइये ,अपने साथियों में से जो काफी समझदार है स्पोक्समैन नियुक्त कर लीजिये ये नहीं है कि जिसके दिल में जो आया मुंह उठाया और बोल दिया ,यदि ऐसा चला तो आपकी परेशानियां बढ़ती ही जाएंगी और भाजपा और कोंग्रेसी आप पर मुकददमे ठोकते जायेंगे क्योंकि वो चाहते है कि आप लोकसभा चुनाव तक काम ना कर सके तभी तो आपको सीटें नहीं मिलेंगी
और जो कार्यकर्ता आपके साथ लगे हैं उनको भी दिल्ली कि जिम्मेदारिय़ां सौपिये ,उनको ऊपर नीचे तक के पद दीजिये ,इसी प्रकार सभी स्टेटस में वार्ड ,समितियां तक के कार्य को अंजाम दीजिये जिसके कारण अधिक से अधिक संख्या में जनता आपके सात जुड़ेगी ,वरना तो जैसे आप चलाना चाहते हो वैसे सबकुछ चलना मुश्किल है एक दिन अचानक सब कुछ ताय ताय फ़ीस हो जाएगा और भाजपा ,कांग्रेस जो चाहती हैं हो जाएगा ,कृपा करके मेरी बात पर ध्यान दे
कान्ति प्रकाश चौहान एक सदस्य
ये भी अच्छा ही हो गया कि उपराजयपाल जी ने अपने अधिकार से ऊपर जाकर आपका धरना खत्म कराने के लिए २ सिपाहियों को छुट्टी पर भेज दिया जो कि उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और उसके लिए उनको किस किस से कितनी सुन्नी पड़ी आप नहीं जानते ,परन्तु उनके इस कार्य से हमारी पार्टी कि आबरू बच गई और अब हमको भविष्य में ख्याल रखना पडेगा ,अब आपको चाहिए कि आप वो ही करें जो आपके और आपके मंत्रियों के प्रोटोकॉल के मुताबिक़ ठीक है ,भावनाओं में मत बहिये ,मेथड के अनुसार सोच समझकर कार्य करिये ,देर हो जाए कोई बात नहीं ,एक कहावत है "देर आये दुरुस्त आये "यहाँ और कोई अवार्ड नहीं मिलने वाला जो अवार्ड मिलना था मिल चुका अब आप अपनी कुर्सी पर बैठकर जनता के काम कीजिये
वास्तविकता को मानिये ,और वास्तविकता ये है कि हमको राजनीति कि बहुतंजानकारी नहीं है तो उसकी ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त कीजिये ,यदि हो सके तो कुछ बुजुर्ग नेता जो आपकी विचारधारा के हों उनको अपने सलाहकार नियुक्त कर लीजिये और उनसे सलाह लेकर ,आपस में विचार विमर्श करके ही कदम उठाइये ,अपने साथियों में से जो काफी समझदार है स्पोक्समैन नियुक्त कर लीजिये ये नहीं है कि जिसके दिल में जो आया मुंह उठाया और बोल दिया ,यदि ऐसा चला तो आपकी परेशानियां बढ़ती ही जाएंगी और भाजपा और कोंग्रेसी आप पर मुकददमे ठोकते जायेंगे क्योंकि वो चाहते है कि आप लोकसभा चुनाव तक काम ना कर सके तभी तो आपको सीटें नहीं मिलेंगी
और जो कार्यकर्ता आपके साथ लगे हैं उनको भी दिल्ली कि जिम्मेदारिय़ां सौपिये ,उनको ऊपर नीचे तक के पद दीजिये ,इसी प्रकार सभी स्टेटस में वार्ड ,समितियां तक के कार्य को अंजाम दीजिये जिसके कारण अधिक से अधिक संख्या में जनता आपके सात जुड़ेगी ,वरना तो जैसे आप चलाना चाहते हो वैसे सबकुछ चलना मुश्किल है एक दिन अचानक सब कुछ ताय ताय फ़ीस हो जाएगा और भाजपा ,कांग्रेस जो चाहती हैं हो जाएगा ,कृपा करके मेरी बात पर ध्यान दे
कान्ति प्रकाश चौहान एक सदस्य
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