Sunday, January 8, 2017

MODI JI KI AATMSNTUSHTI

हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी कितने आत्मसंतुष्ट हैं उनके इस कथन से ऐसा ही प्रतीत होता है ,वैसे ये भी जनता को भृमित करने और वोट प्राप्त करने हेतु एक और छल सा भी प्रतीत होता है ,या फेंकी गई बात नजर आती है ,बानगी देखिये "ना मुझे राज्य की कामना है ,ना स्वर्ग की इच्छा है ,और नाही पुनर्जन्म की आकांक्षा ,"
"बस एक ही कामना है की जो दुखी हैं उनके कष्टों का निवारण करने में जुटा रहूँ "
उन्होंने कहा है की मैं खुद गरीबी में जन्मा हूँ ,और गरीबी में जीया हूँ और और आज भी गरीब हूँ ,
उसके बावजूद भी आज ६० दिनों से देश के गरीबों और मजलूमों को लाइनों में खड़ा किये रखा है २००० से ४५०० रुपयों के लिए जो की वो धन उनका खुद  का हैं ,और इस दरम्यान देश के १२६ गरीब आदमी लाइनों में लगे हुए भूखे प्यास से तड़प तड़पकर दम  तोड़ चुके हैं और उनके लिए मोदी जी के पास दो सांत्वना के शब्द भी नहीं हैं फिर ये गरीब जनता के कष्टों का निवारण कैसे करेंगे ,
भाइयो मुझे तो कुछ नहीं चाहिए मात्र दो वक्त का कहना वो भी काजुओं की २ रोटियों के साथ और २य ४ प्रकार की दाल सब्जी ,तरकारी सहित ,
जबकि देश में १९ करोड़ जनता आज भी भूखी सोती है और ३० करोड़ लोग एक वक्त ही खाना  खा पाते हैं ।
और ५ जोड़ी कपडे प्रीतिदिन पहिनने के लिए ओर वो भी नित नए ,
जब की देश के गरीबों पर तन ढकने के लिए एक जोड़ी कपडे भी नहीं होते ,।
और बस कुछ हेलीकाप्टर ,देश में घूमने के लिए और कुछ हवाई जहाज विदेशों की सैर के लिए ,
जबकि गरीब जनता को एक साइकिल भी मयस्सर नहीं है वो बिना जूतों के पैदल ही घुमते हैं ।
अब आप ही देख लीजिये हमारे pm कितने आत्मसंतुष्ट होकर गरीब जनता की सेवा कर रहे हैं ।

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