हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी कितने बड़े देश भक्त ,सेक्युलर ,और सज्जन ,बुद्धिमान ,नीतिज्ञ ,सत्यवादी ,और संस्कारीऔर न्यायप्रिय हैं वो दोस्त और दुश्मनों में कोई फर्क नहीं रक्खते जैसे की केजरीवाल जी डेल्ही के मुख्य मंत्री केजरीवाल जी से उनको बहुत प्यार है ,वो कभी भी उनको नहीं भूलते ,
न्यायप्रियता की मिसाल इससे बड़ी क्या होगी की वो हत्यारे और जिसकी हत्या हुई है दोनों में कोई फर्क नहीं रखते ,यदि सुबह को वो गाँधी जी को माला पहिनाते हैं तो शाम को नाथूराम गोडसे को भी माला चढ़ाते हैं ,
देश भक्ति में उनका अटूट विश्वास है इसीलिए वो विदेशों की यात्राएं करके वहांकी जनता को अपनी देश भक्ति का परिचय देते रहे हैं ,
सेक्युलर होने का प्रमाण इससे बड़ा क्या होगा की उन्होंने कभी भी गुजरात के मुख्य मंत्री होते हुए हिन्दू ,मुस्लिम झगडे नहीं होने दिए ,
सज्जन इतने हैं की नॉट बन्दी के दरम्या जनता ने उनको वेज और नॉनवेज गालियां खूब दी परन्तु उन्होंने कभी भी किसी का बुरा नहीं माना ,
बुद्धिमानी का परिचय तो वो मुहम्मद बिन तुगलक बनकर देश की जनता को दे ही चुके हैं ,
नीति में तो उन्होंने आचार्य चाणक्य को भी स्वयम से बहुत पीछे छोड़ दिया जैसे की जुडिसियरी और सी बी आई ,पुलिस ,सेना ,मीडिया को कैसे बस में किया जाता है ,
सत्यवादी होने का प्रमाण इससे बड़ा क्या होगा की नित नए झूठ बोलकर ,नए नए कहानिया सूना ,और लोली पॉप दिखा दिखाकर ,नै नै योजनाए फेंककर जनता को कैसे वश में किया जता है इसे देश को दिखा दिया
पार्टी में लगभग ८४ गुंडों को सभासद बनाकर पार्टी की साफ सुथरी छवि को प्रदर्शित कर दिया है
न्यायप्रियता की मिसाल इससे बड़ी क्या होगी की वो हत्यारे और जिसकी हत्या हुई है दोनों में कोई फर्क नहीं रखते ,यदि सुबह को वो गाँधी जी को माला पहिनाते हैं तो शाम को नाथूराम गोडसे को भी माला चढ़ाते हैं ,
देश भक्ति में उनका अटूट विश्वास है इसीलिए वो विदेशों की यात्राएं करके वहांकी जनता को अपनी देश भक्ति का परिचय देते रहे हैं ,
सेक्युलर होने का प्रमाण इससे बड़ा क्या होगा की उन्होंने कभी भी गुजरात के मुख्य मंत्री होते हुए हिन्दू ,मुस्लिम झगडे नहीं होने दिए ,
सज्जन इतने हैं की नॉट बन्दी के दरम्या जनता ने उनको वेज और नॉनवेज गालियां खूब दी परन्तु उन्होंने कभी भी किसी का बुरा नहीं माना ,
बुद्धिमानी का परिचय तो वो मुहम्मद बिन तुगलक बनकर देश की जनता को दे ही चुके हैं ,
नीति में तो उन्होंने आचार्य चाणक्य को भी स्वयम से बहुत पीछे छोड़ दिया जैसे की जुडिसियरी और सी बी आई ,पुलिस ,सेना ,मीडिया को कैसे बस में किया जाता है ,
सत्यवादी होने का प्रमाण इससे बड़ा क्या होगा की नित नए झूठ बोलकर ,नए नए कहानिया सूना ,और लोली पॉप दिखा दिखाकर ,नै नै योजनाए फेंककर जनता को कैसे वश में किया जता है इसे देश को दिखा दिया
पार्टी में लगभग ८४ गुंडों को सभासद बनाकर पार्टी की साफ सुथरी छवि को प्रदर्शित कर दिया है
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