आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने नोटबंदी का कानून ८ नवंबर २०१६ को रात्रि के ८ बजे देश को सन्देश के रूप में सुनाया और बड़े फ़क़्र से कहा था की देश में छुपा सम्पूर्ण काला धन बाहर आ जाएगा और यदि ना आये तो ५० दिन बाद मुझे किसी चौराहे पर खड़ा करके फांसी दे देना ,खेर ५० दिन भी गुजर गए और काला धन भी जितना आना था आ गया ,परन्तु इस विशेष समय में जो मुख्य घटना घटी वो थी ,की देश के सभी प्रदेशों में मिलाकर पंक्तियों में खड़े खड़े भूखे प्यासे गरीब आदमी लगभग १२६ की संख्या जो समाचार पत्रों या चेनलों के द्वारा बताई गई ,वैसे बाकी तो ना जाने कितने व्यक्ति शहीद हुए होंगे हो सकता है इससे दूने या चौगुने भी हों ,
इन बेचारे मजलूम व्यक्तियों को मोदी सरकार ने कभी दो शब्द भी सांत्वना के नहीं कहे और नाही उनके पीछे परिवारों को को कुछ रुपया ,या सहायता राशि ही दी ,बल्कि कुछ देश के लोगों ने उनको शहीद का दर्जा देने को कहा तो उसे भी भाजपा प्रवक्ता सम्बित पात्रा ने बड़ी बेरहमी से नकार दिया बल्कि उनको काले धन वाला कहकर अपराधियों की श्रेणी में खड़ा और कर दिया ,और ऊपर से ये रहे हैं की गरीब जनता उनके साथ है ,ये गरीब जनता ही उनको ५ प्रदेशों के होने वाले चुनावों में जीत दिलवाएगी ,वाह क्या और कैसी नीति हैं इन लोगों की ,भगवन ही इनका भला करेंगे ।
इन बेचारे मजलूम व्यक्तियों को मोदी सरकार ने कभी दो शब्द भी सांत्वना के नहीं कहे और नाही उनके पीछे परिवारों को को कुछ रुपया ,या सहायता राशि ही दी ,बल्कि कुछ देश के लोगों ने उनको शहीद का दर्जा देने को कहा तो उसे भी भाजपा प्रवक्ता सम्बित पात्रा ने बड़ी बेरहमी से नकार दिया बल्कि उनको काले धन वाला कहकर अपराधियों की श्रेणी में खड़ा और कर दिया ,और ऊपर से ये रहे हैं की गरीब जनता उनके साथ है ,ये गरीब जनता ही उनको ५ प्रदेशों के होने वाले चुनावों में जीत दिलवाएगी ,वाह क्या और कैसी नीति हैं इन लोगों की ,भगवन ही इनका भला करेंगे ।
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