जिस शासक के काल में धर्मिक उन्माद चरम सीमा पर हो और देश की खलकत महफूज ना हो ,उस शासक और शासन का अंत शीघ्र ही अवश्यम्भावी है चाहे वो ओरंगजेब का काल रहा हो या अंग्रेजों का ,और भी बहुत से शासक रहे हैं जिनका पतन संसार में विद्रूप ढंग से हो चुका है ,और यदि वर्तमान शासकों ने भी सबक नहीं लिया तो उनका अंत भी दर्दनाक तरीके से होगा और भारतीय इतिहास और दुनिया के इतिहास के पन्नों में काले अक्षरों से लिखा जाएगा ।
कांति प्रकाश चौहान
कांति प्रकाश चौहान
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