Wednesday, June 21, 2017

kyaa vyapari B J P ka jarkhareed gulaam HAI ?

जर खरीद गुलाम 
क्या वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश के व्यापारियों को अपना जरखरीद गुलाम समझ लिया है शायद वो नाहिं जानते की यदि व्यापारी एक साथ  मिल गए तो इस जी एस टी के चक्कर में भाजपंा  सरकार की चूलें भी हिल सकती हैं ,और देश का अरबों रूपये प्रीतिदिन का नुक्सान अलग से होगा ,शायद वो नहीं जानते की व्यापार हमेशा ,परेशानी मुक्त दिमाग से किया जाता है ,पर वो क्योँ जानेंगे उनके पास तो वैसे ही १२५ करोड़ रुपया है ,जहां आज देश की जनता नोटबंदी के बाद पाई ंपाइ को परेशान हैं वो ऐश  और आराम की जिंदगी बिता रहे हैं ,कहावत है की" जिसके पैर  ना फटी बिवाई वो क्या जाने पीर पराई "

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