३० जून की मध्य रात्रि को जब सम्पूर्ण देशवासी जी एस टी के थोपे जाने का शोक मना रहे होंगे चाहे व्यापारी हो या मजदूर ,अथवा किसान या आम जनता ,ठीक उसी वक्त भाजपा सरकार लोकसभा के अंदर बैठ कर जी एस टी लागू होने का जश्न मना रहे होंगे ,क्योँकि वो इसको देश की आजादी १९४७ से जोड़ कर देख रहे हैं इसका मतलब क्या है ?,आखिर देश को किस की गुलामी से आजादी मिल रही है ,या भाजपा की ख़ुशी ये है की आज वो सम्पूर्ण देश को अपना जर खरीद गुलाम बनाने जा रही है ,
कहीं ऐसा ना हो कि ३० जून रात्रि से ही भाजपा के झंडे ना उखाड़ने शुरू हो जाएँ और वो कहीं की ना रहे ,और जिस प्रकार अमेरिका की ६७% जनता राष्ट्रपति ट्रम्प को उतारने के लिए एकजुट हो गई है उसी प्रकार भारत में भीप्रधान मंत्री मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी कुर्सी से उतारने के लिए ६९% जनता सड़कों पर उतर आये ,आखिर जुल्म सहने की भी कोई सीमा होती है ,पिछले ३ साल से भाजपाइयों के जुल्म सहते सहते भारतवासियों का दीराज खत्म होता जा रहा है |
कहीं ऐसा ना हो कि ३० जून रात्रि से ही भाजपा के झंडे ना उखाड़ने शुरू हो जाएँ और वो कहीं की ना रहे ,और जिस प्रकार अमेरिका की ६७% जनता राष्ट्रपति ट्रम्प को उतारने के लिए एकजुट हो गई है उसी प्रकार भारत में भीप्रधान मंत्री मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी कुर्सी से उतारने के लिए ६९% जनता सड़कों पर उतर आये ,आखिर जुल्म सहने की भी कोई सीमा होती है ,पिछले ३ साल से भाजपाइयों के जुल्म सहते सहते भारतवासियों का दीराज खत्म होता जा रहा है |
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