मष्तिष्क से दिवालिये
मष्तिष्क से पंगु यानि कि ( दिव्यांग ) व्यक्ति चाहे वो कोई नेता हो या बाबा राम रहीम या आसाराम अथवा और भी बहुत सारे नेता या बावा हो सकते हैं इनको समझना हमारे देशवासियों के बस्का बात नहीं है ,क्योँकि इनके अन्दरं जो एक जूनून होता है वो उसे किसी भी स्तर पर ले जा सकते हैंऔर उसे पूर्ण करने हेतु शाम दाम धनद भेद सभी का भरपूर इस्तेमाल करते हैं ये उसके भूत भविष्य के बारे में नहीं सोचते वो जो भी वर्तमान मैं कर रहे हैं वो उसे ही यथार्थ समझते हैं ,इसी प्रकार के बहुत से नेता और बाबा हमारे देश में हैं और राजा महाराजाओं से भी अच्छी जिंदगी जी रहे हैं यद्द्यपि वो सम्पूर्ण धन धान्य देश की जनता का है परन्तु वो भगवन या तानाशाह बनकर देश और समाज को लूट रहे हैं और ऐश्वर्य पूर्ण जिंदगी जी रहे हैं ,और वो ये भी जानते हैं की उनके सितारे जब तक बुलंद है उनको कोई नहीं रोक सकता ,और अब तो ये हालात हो गए हैं कि वो खुद को खुदा या खुद्दार अथवा एक तानाशाह का रूप लेते जा रहे हैं परन्तु उनको रोकने वाला कोई नहीं हैं |
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