Tuesday, September 5, 2017

samjhota

"समझौता ग़मों से कर लो
गम तो आते जाते रहते हैं"
मैं  इस गाने की दो लाइने ,देश के प्रत्येक व्यक्ति  के प्रति संवेदना व्यक्त करने के बतौर लिख  रहा हुँ क्योँकि आज देश के प्रत्येक व्यक्ति को हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने किसी न किसी रूप में ग़मों का भण्डार अर्पण कियाँ हुआँ है ,आज देश का प्रत्येक व्यक्ति गमजदा है यानी की ग़मों में डूबन हुआ है ,अब उनको मात्र ३ चीजें  याद हैं ,नून तेल लकड़ी 

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