मगर मच्छी आंसू
१६\१०\१७ को मोदी जी गुजरात में भाषण देते वक्त बड़े ही खिन्न थे और अपने ही घर में अपनों सेही भिखारियों की भांति वोट मांगने का प्रयास कर रहे थे और साथ ही साथ कांग्रेस की बुराई पर बुराई भी ठोक रहे थे वो बताना चाहते थे की कोंग्रेसी कितने मक्कार हैं की उन्होंने पटेल को सबसे समझदार और लोह पुरुष होने के बावजूद उनको देश का प्रधानमंत्री नहीं बनने दियाक्योँकि वैसे भी वो गुजराती थे जिसमे मुख्य भूमिका जवाहर लाल नेहरू की थी ,
मुझे सबसे बड़ा अफ़सोस इस बात का है की वो ३ साल ५ महीने प्रधानमंत्री रहते हुए भी इतने परिपक्व न हो पाये की वो जनता को समझ सके और जान सके की एक दुसरे की बुराई करने वाले व्यक्ति को चाहे कोई भी हो जनता उसे ओछा और निम्नकोटि का व्यक्ति समझते हैं ,ये भी हमारा दुर्भाग्य है की वो एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो एक्सपेरेंस का भी फायदा ना उठा पाए और नहीं उससे समझ पाए और थोड़े से समय में ही इतने बदनाम हो गए की देश की जनता उनके नाम तक से घृणा करने लगी है ,
देश की जनता अब कहती हैं की वो अपना वोट गंदे नाले में फेंक देंगे परन्तु मोदी को नहीं देंगे |
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