Wednesday, November 8, 2017

हक़ीक़त से रूबरू होकर भी
जालिम को हमदर्द समझ बैठे हैं |
जिसने लंगोटी भी छीन ली हमारी
हम उसी को लंगोटिया यार कहते हैं 

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