राजनीति में आएं परन्तु ये सोचकर ?
राजनीति अब बहुत गंदी हो गई हैं
दिल्ली के संडास भरे गंदे नालों से भी गंदी
,क्या आप अपने और अपने खंडन के गढ़े मुर्दे उखड़वाना चाहते हैं
क्या आप अपने घर के भांडे गिनवाना चाहते हैं
क्या आप शिक्षित होने के बाद भी नेताओं जैसे भद्दी भाषा का प्रयोग कर ,और सुन सकते हैं
क्या आप नित नै नै गाली खाने में सक्षम हैं ,
जनता के लिए अच्छे काम करने के बावजूद भी, विपक्ष के ताने सुन सकेंगे
क्या आप भ्र्ष्टाचार फ़ैलाने और करने में यकीन करते हैं यदि नहीं करते तो भी आपको विपक्षी, भ्र्ष्टाचारी घोषित करके ही छोड़ेंगे ,
क्या सरकार अफसरों से जूते खा और खिला सकते हैं
क्या आप अपनी २४ घंटे नींद हराम कर सकते हैं
केंद्र में बैठी सरकार प्रीतिदिन आपके घर और ऑफिस में छापे दलवायेगी तो आप सह लेंगे
यदि आपने कभी जेल का मुंह नहीं देखा तो क्या आप जेल जाने के लिए तैयार हैं
ईमानदार होने के बावजूद भी जब लोग आपको बेईमान बेईमान कहेगी तो क्या आप भड़केंगे नहीं ,
नेक सलाह ,
राजनीति में मत जाओ
और यदि जाओ तो सूअर बनकर जाना, कीचड में लेटो ,और जो मिले उसे खाते जाओ ,और ईमानदारी को भूल जाना और बेईमान और बेईमानी को गले लगाना |
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