हिन्दू ,मुस्लिम
हमारे देश में दो शब्द ऐसे हैं ,जिनपर आज तक ना जाने कितना इतिहास लिखा जा , चुका है ,और विगत लगभग ४ वर्षों में इसके इतिहास में यकायक बहुत वृद्धि हो गई ,आज कोई भी बात करो ,किसी से भी बात करो ,किसी भी टॉपिक पर बात करो परन्तु शुरुआत हिन्दू मुस्लिम से ही होती है और अंत भी इन्ही दो शब्दों से आखिर क्योँ ?
क्योँकि आज इन शब्दों के कारण ही सम्पूर्ण देश में बद्मिनी फैलाई जा सकती है और फैलाई भी जा रही है ,चुनाव लड़े जाते हैं ,और जीते जाते हैं यानि की यहाँ तक हो चुका है की, जीत भी इन्ही दो शब्दों के कारण हो जाती है ,कोई मुस्लिमों का पक्षधर बनकर जीत जाता है तो कोई हिन्दू बनकर हार जाता है या काभि कभी कोई मुस्लिमों का पक्षधर होने पर हार भी जाता है,,ये धर्म की राजनीति हो रही हैं
आज हालात इतने बदतर हो चुके हैं की देश में पैदा हुए ,सैंकड़ों सालों से रहने वाले मुस्लिमों को आज भी हिन्दुस्तानी नहीं समझा जाता ,और उनको पाकिस्तान भेजने तक का फरमान तक जारी कर दिया जाता हैं और वही दूसरी तरफ कुछ मुस्लिम नेता भी ऐसे हैं जो की भारतीय मुस्लिमों को बहका फुसला करके उनको पाक् का हिमायती बना देते हैं जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है ,परन्तु गंदी राजनीती जो आजकल हो रही है ये सब उसी का दुष्परिणाम है |
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