निगाहें उठाकर तो देखिये
आदरणीय ,
ज़रा घूम कर तो देखिये
कहाँ ,कहाँ ,क्या क्या हो रहा है
कहीं देह दोहन तो कहीं
देह व्यापार हो रहा है
कहीं देह दान तो
कहीं अंगों का व्यापार हो रहा है|
आदरणीय ,
ज़रा घूम कर तो देखिये
कहाँ ,कहाँ ,क्या क्या हो रहा है
कहीं देह दोहन तो कहीं
देह व्यापार हो रहा है
कहीं देह दान तो
कहीं अंगों का व्यापार हो रहा है|
No comments:
Post a Comment