मेरी सोच पार्ट ३
हम उस देश में रहते हैं ,जहांन पर भूख ,प्यास महंगाई और गरीबी ,चरों ही अपना अपना अस्तित्व बनाने के फेर में मनुष्य को बर्बाद करने पर तुली हैं ,भूख ,प्यास ,महंगाई तो कभी कभी साथ भी छोड़ देती हैं परन्तु गरीबी ,इस देश का पीछा छोड़ती नजर नहीं आ रही ,
जहां पर मान सम्मान ,वा ईमान ,चोरी व डकैती या रिश्वतया बदमाशी के रुपयों से , रात्रि के अँधेरे अथवा चुनावों में या सदैव ही खरीदे या बेचे जाते हैं ,केवल जरूरत होती है खरीदारों की ,
जहां की जनता भी उधार मांग मांग कर खाने के अभ्यस्त हो चुके हैं ,जिनको कटोरा हाथ में लेकर भिखारियों की भांति भीख मांगने में भी शर्म नहीं आती है | ,
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