मेरी सोच २
जिस देश में बेईमानी ,झूठ ,कपट ,क्रोध ,वैमनस्य ,अविश्वास ,विश्वासघात ,का ही साम्राज्य है ,प्रत्येक व्यक्ति इन सभी शब्दों को ' चासनी में स्वयं को जलेबी की भांति डुबाये हुए है ,परन्तु ऊपर से पाखंडपन नाम पर कभी कभी पूजा स्थलों पर जाकर मत्था टेकना ,लंगर लगाकर भी २ या ४ गरीबों को खाना खिलाकर वाह वाही करानाऔर पत्थर के दूध पीते भगवन या गणेश जी को बेवक़ूफ़ बनाने का पर्यटन भी करता है
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