Saturday, February 10, 2018

MERI SOCH


मेरी सोच ,

कभी कभी मुझे ऐसा प्रतीत होता है की शायद मैं किसी ऐसे देश में अपना   जीवन यापन कर रहा हूँ ,जहाँ पर "सत्य"नाम का शब्द है ही नहीं ,चरों तरफ झूठ के तालाब ही लबालब भरे हैं ,लगभग प्रत्येक व्यक्ति असत्य कॉम गले लगाकर ,खुजली वाले शवान की भांति जीवन यापन कर रहां है | 

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