नेहरू खानदान की संस्कारिता
भाजपाइयों यदि आपने ,नेहरू खानदान की संस्कारिता ,दयालुता ,और विपक्षियों के साथ व्यवहार कुशलता देखनी है ,तो अटल बिहारी जी से जाकर पूछो ,
जब राजीव गाँधी देश के प्रधानमंत्री थे तो ,अटल जी को एक अजीब बीमारी हो गई थी जिसमे उनका बचना असंभव था ,जैसे ही राजीव गाँधी जी को पता चला तो वो चुपचाप रात के अँधेरे में अटल जी से जाकर मिले और उनका हाल देखकर वो सहम भी गए ,तभी उन्होंने अटल जी को कहा की आपको अच्छे इलाज की जरूरत है ," मैं आपको अमेरिका ले जाऊँगा और आपका इलाज कराऊंगा ,परन्तु शर्त एक है की आप इसका जिक्र किसी से भी नहीं करेंगे ,,और अटल जी मान गए ,
अटल जी को रातों रात अमेरिका भेजा गया और २ माह तक उनकों इलाज हुआ और वो स्वास्थ्य हो गए ,परन्तु १ माह बाद उनको फिर अमेरिका बुलाया गया ,और फिर उनका इलाज शुरू हुआ और फिर वो वहाँ से पूर्ण स्वस्थ होकर दिल्ली वापस आ गए ,जानते होंगे की उस पर करोड़ों रुपया खर्च हुआ होगा ,परन्तु इसका जिक्र कोंग्रेसियों ने कभी नहीं किया ,
अटल जी ने खुद कहा है की यदि राजीव गाँधी ना होते तो शायद मैं आज जीवित नहीं बचता,
इसे कहते विपक्षियों को मान सम्मान और उनकी सेहत का ख्याल रखना ,और राजवंशी सँसकार।
शायद आज तक देश के किसी भी व्यक्ति को जानकारी नहीं होगी
अभी भी शर्म नहीं है तो डूब मरना
जानकारी किसी के सौजन्य से
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