वक्त बदलते देर नहीं
मोदी जी अब क्योँ पीत हुए
स्वर्णिम दिन व्यतीत हुए,
अंधकार अब घेरने लगा है
दुर्दिन अब से मीत हुआ है,
धीरे धीरे सब छटने लगे हैं
पिछलग्गू भी घटने लगे हैं
एक एक कर सब चले जाएंगे
सभाओं में भी गधे आएंगे ,
मिडिया भी बुक्लान लगा है
खरी ,खोटी सुनान लगा है
अंध भक्त भी सुनान लगे हैं
खेमा बदलन लान लगे हैं
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