कुर्सी चाहियें बस
कुर्सी की खींचतान में
भाजपाइयों ने मुखौटे पहिन लिए हैं
कल तक कहते थे जिनको रावण
आज वो उनके राम समान हो गए हैं ,
मंचों पर खड़े होकर
जिनको देते थे सदैव गालियां
आजं मंत्री पद देकर बजा रहे तालियां ,
भानुमति भी मात खा गई इनसे
कुनबे बनाते बनाते देखकर
फिर सत्तारूढ़ हो गए
जनता जनार्दन को ठेंगा दिखाते दिखाते |
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