आज अहमदाबाद में कांग्रेस की रैली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी पर एक सॉफ्ट इंजिनियर हितेश चोहन द्बारा जूता फेंका गया ,और अहमदाबाद में ही भारतीय जनता पार्टी की रैली में क्रिशन लाल अडवानी पर भी एक साधू जिसका नाम बजरंग था जूता फैंका गया ,यद्यपि यह एक बहुत ही बुरी बात है ,और हमारे संस्कारों से भी बहुत दूर की बात है इन घटनाओं की जितनी भर्त्सना की जाए थोडी ही है ,परन्तु सोचने का एक विषय ये भी है की आख़िर ऐसा क्यों हो रहा है ,आख़िर आदमी अपना मानसिक संतुलन क्यों खोता जा रहा है और पगाल्पन की हद तक पहुंचकर बिना ये सोचे समझे की इसका परिणाम क्या होगा जूता चप्पल किसी भी छोटे या बड़े नेता के ऊपर फैंक देता है या मार देता है ,ये तो चुनाव का समय है इसलिए वाहवाही पाने के लिए ये सभी नेता मुआफ कर देते हैं पर यदि चुनाव ना हों और इन्होने वोट ना लेनी हो तो शायद उलटा भी टंगवा देंवें ||||
मेरे विचारों में तो आज मेरे भारत वर्ष का प्रत्येक नागरिक महंगाई ,भूख ,बेरोजगारी घरेलु समस्याओं ,पुलिश ,न्यायालयों देश की अर्थ वयवस्था ,देश के नेताओं की करनी और कथनी से इतने अधिक दुखी हैं की वो कुछ भी करने को आमादा हैं , जिसके लिए जूते ,चप्पल तो कोई मायना ही नहीं रखते ,|||
अत;मेरी तो देश के नेताओं ,न्यायाधीशों
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