कल जो दिल्ली पुलिस का व्यवहार दिल्ली कि आम आदमी सरकार के दो मंत्रियों के साथ देखा वो बहुत ही अशोभनीय था ,दिल्ली में क्राइम खत्म करने कि जिम्मेदारी दिल्ली पुलिश कि है पर उसे निभा रहे है दिल्ली सरकार के मंत्री और जब मंत्री का फोन आई पी एस लेबल के ऑफिसर्स को जाता है तो वो फोन ही नहीं उठाते और थानों से थानेदार भी गायब ,बड़ी मुश्किल से थानेदार साहब आते हैं और जब उनसे रेड मरने को कहा जाता है तो वो मना कर देते हैं ,पता हे क्योँ मना करते हैं क्योंकि उन्ही के संरक्षण में तो देह व्यापार और ड्रग्स का धंधा चलता है ,मंत्री जी उनमे से १ व्यक्ति को पकड़ लेते हैं पर पुलिश का कोई भी सिपाही टस से मस नहीं होता ,यानि के दिल्ली में अब पुलिश का काम भी मंत्री ही करेंगे ,यदि ऐसा हुआ तो फिर तो चोरी ,डकेती ,रेप ,बदमाशी कुछ भी नहीं रुकेगा और क्राइम बढ़ता ही चला जाएगा ,ऐसा ही केस १ ओरत के जलने का है उसमे भी पुलिस कुछ नहीं किया और नाहीं कर रही है जब कि मंत्री राखी बिरला रात भर पुलिश स्टेशन ,अस्प्तालों में घूम रही है | दिल्ली सरकार और इन मंत्रियों का दुर्भाग्य ये है कि दिल्ली पुलिश स्टेट सरकार के अंतर्गत नहीं है यदि ऐसा होता रो इनकी ये हिम्मत ही नहीं होती ये भी उत्तर परदेश कि पुलिस कि भांति अखिलेश के पैरों में पड़ी होती या फिर अपने घर सोती होती पर ऐसा नहीं है क्योंकि ये केन्दीय सरकार के अंतर्गत है और केंद्र में सरकार कोंग्रेस कि है भला वो राज्य सरकार भी आम आदमी कि सरकार काई कि भला क्योँ करेगी ,वो तो चाहेगी कि दिल्ली में बदमिनी फैले और दिल्ली सरकार गिरे ताकि पैर का कांटा निकल सके ,|
ये वो ही दिल्ली पुलिस है जो कि दिल्ली सरकार के किसी भी कोंग्रेसी नेता तो छोडो कोई छुटभैया नेता के सामने भी इनकी जुबान नहीं खुलती थी क्योंकि इनको भय था कि केंद्र में भी इनकी ही सरकार यदि कुछ बोल दिया तो सेकण्ड्स में ट्रांसफर नहीं बल्कि ससपेंड हो जाओगे इसलिए उनके जूते भी पहिनाते थे |और इनकी बेशर्मी तो देखिये दिल्ली के कमिश्नर ऑफ़ पुलिस मुस्कुराकर बोल रहे हैं कि दिल्ली कि सुरक्षा कि जिम्मेदारी हमारी है और सब कुछ ठीक चल रहा है ,दिल्ली में ओरतें जलाई जा रही हैं ,चकले चलाये जा रहे हैं ड्रग्स बेचीं जा रही है और कमिश्नर कह रहे हैं सब कुछ ठीक है |
हमारी दिल्ली के राजयपाल जी से प्रार्थना है कि वो यदि कर सकते है तो उस उन दोनों थानेदारों और a c p से पहले कमिशने को ससपेंड किया जाए और यदि आप नहीं कर सकते तो शिंदे साहब को सिफारिस करिये कि ऐसे दोषी पुलिस वालों को जल्द से जल्द ससपेंड किया जाए ताकि भविष्य में और कोई पुलिस वाला अपने कार्य से उन्मुख ना हो और नाहींकिसी मंत्री से उलझे ,
सम्पूर्ण दिल्ली कि जनता यही चाहती है
ये वो ही दिल्ली पुलिस है जो कि दिल्ली सरकार के किसी भी कोंग्रेसी नेता तो छोडो कोई छुटभैया नेता के सामने भी इनकी जुबान नहीं खुलती थी क्योंकि इनको भय था कि केंद्र में भी इनकी ही सरकार यदि कुछ बोल दिया तो सेकण्ड्स में ट्रांसफर नहीं बल्कि ससपेंड हो जाओगे इसलिए उनके जूते भी पहिनाते थे |और इनकी बेशर्मी तो देखिये दिल्ली के कमिश्नर ऑफ़ पुलिस मुस्कुराकर बोल रहे हैं कि दिल्ली कि सुरक्षा कि जिम्मेदारी हमारी है और सब कुछ ठीक चल रहा है ,दिल्ली में ओरतें जलाई जा रही हैं ,चकले चलाये जा रहे हैं ड्रग्स बेचीं जा रही है और कमिश्नर कह रहे हैं सब कुछ ठीक है |
हमारी दिल्ली के राजयपाल जी से प्रार्थना है कि वो यदि कर सकते है तो उस उन दोनों थानेदारों और a c p से पहले कमिशने को ससपेंड किया जाए और यदि आप नहीं कर सकते तो शिंदे साहब को सिफारिस करिये कि ऐसे दोषी पुलिस वालों को जल्द से जल्द ससपेंड किया जाए ताकि भविष्य में और कोई पुलिस वाला अपने कार्य से उन्मुख ना हो और नाहींकिसी मंत्री से उलझे ,
सम्पूर्ण दिल्ली कि जनता यही चाहती है
No comments:
Post a Comment