Wednesday, June 18, 2014

मोदी जी की दूरदर्शिता

मोदी जी की दूरदर्शिता और उसका अनुपालन करते हुए ४३ साल का एक लंबा अरसा जिसको उन्होंने शादी शुदा होने के बावजूद अपनी पत्नी का त्याग करके गुजारा ,कैसे गुजारा ,कैसी परिस्तिथियों में गुजारा ,मात्रवंशवाद   को बढ़ावा ना देने हेतुं अपनी पत्नी से दो चार बच्चे भी पैदा भी नहीं किये इससे ऐसा लगता है कि जैसे वो राजनीति में प्रवेश करते ही अपना मन बना चुके थे कि उन्होंने एक दिन इस देश का प्रधान मंत्री बन्ना है ,और जब वो इस देश के प्रधानमंत्री बन भी गए तो उन्होंने तब भी अपनी पत्नी को एक बार भी घास तक नहीं डाली शायद इस भय से कि कहीं इस आयु में भी वो सब कुछ ना हो जाए जिससे कि वो ४३ साल से बचते चले आ रहे थे और कोई वंश को बढ़ाने वाला पैदा ना हो जाए और फिर वो उसके प्यार में पड़कर कहीं और राजनेताओं कि तरह अपने वंश को राजनीती में बिठाने के लिए धन एकत्रित करना या जोड़ तोड़ करना ना शुरू कर दें और उन पर आरोप प्रत्यारोप लाग्ने शुरू हो जाएँ ,और फिर बदनामी उनका कभी पीछा ही ना छोड़े ,
पर इतना सब कुछ ठीक होने के बावजूद भी एक बात तो अवश्य है कि खुद को बहुत साफ़ सुथरा दिखाने के लिए या वंशवाद को बढ़ावा ना देने के लिए आप किसी कि आत्मा का हनन पिछले ४३ साल से अवश्य कर रहे हैं ,हम नहीं जानते कि ये सब कुछ किन परिस्तिथियों के कारण हुआ ये तो आप और आपकी पत्नी ही जानती हैं ,पर आपके प्रधानमंत्री बनने के समय में एक मौका आया था जबकि आप अपने और अपनी पत्नी के गीले शिकवे दूर कर सकते थे और जिंदगी के आखिरी पल यानी कि वृद्धाश्रम और संन्यासाश्रम तो एक साथ बिता ही सकते थे जिससे कि आपके जीवन सुखदता आ जाती ,
बाकी जिंदगी कितनी लम्बी है कौन जानता है कैसी गुजरेगी कौन जानता है ,राजनीती का क्या भरोसा कब
वैधव्य स्वीकार कर ले ,जो आज आपके साथ हैं कल आपको छोड़ दें ,पर पत्नी और गरीबी आसानी से साथ नहीं छोड़ती ,तो हम तो कहेंगे कि आप एक बार और सोच लीजिये | धन्यवाद









विधवा कर दे

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