आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी का भाषण आज लाल किले के प्राचीर से सूना जो की वास्तव में सार गर्भित ,वाक पटुता का द्योतक ,सोहार्दयपूर्ण और देश हेतु और जनता के हेतु ,मुख्य तौर पर महिलाओं के लिए उन्नति के पथ पर अग्रगामी करने वाला था ,जिससे की साफ़ झलकता था की प्रधानमंत्री को देश की महिलाओं और कन्याओं की कितनी चिंता है ,
देश की उन्नति ,रोजगार व्यवसाय ,इम्पोर्ट ,एक्सपोर्ट ,और छोटे छोटे रोजगार करने वालों को भी प्रोत्साहित करने के लिए कजोई कोर कसार नहीं छोड़ी ,
दुसरे गाँवों में साफ़ सफाई ,और महिलाओं के लिए शौच व्यवस्था पर जोर देते हुए प्रत्येक गाँव में इसका इंतजाम करने और ,और सांसदों को एक एक गाँव अपने खेत्र में आदर्श गाँव बनाने की सलाह भी दी और इस प्रकार एक सांसद योजना प्रारम्भ करने का प्रोग्राम भी बनाया ,
गाँवों में बीमा योजना को प्रोत्साहित करने हेतु १ लाख रुपया तक का बीमा कराने का भी वायदा किया ,
इसके बावजूद कुछ शब्द उन्होंने शहीद भगत सिंह के बारे में कहे जो की कुछ लोगों को अच्छे नहीं लगे "जैसे की फांसी पे चढ़ जाने से .........................................आगे मुझे ठीक से याद नहीं ,
और हाँ अपने सम्पूर्ण भाषण में उन्होंने आजादी दिलाने वालों को भी ढंग से याद नहीं किया और स्वामियों का जिक्र अवश्य बार बार किया गया ,जबकि आज का फंक्सन स्वतंत्रता सेनानियों का था नाकि बावाओं या स्वामियों का ,
शहीदों को भी ढंग से याद नहीं किया गया और नाही उनको श्रद्धांजलि दी गई ,केवल जो सैनिक आज हमारी रक्षा कर रहे हैं उनके बारे में दो शब्द कहकर वो भी शास्त्री जी का उद्धरण देकर इतिश्री समझ ली गई ,
पाकिस्तान और चीन को एकबार भी कोई चेतावनी नहीं दी गई जिससे की हमारी कमजोरी जगजाहिर होती है और नाही रूस और अमेरिका से संबंधों की कोई चर्चा या अपनी सैनिक क्षमता का कोई ख़ास जिक्र आया ,और भी बहुत सी ऐसी बाते थी जिनका जिक्र होना चाहिए था परन्तु नहीं हुआ |
मेरे मुताबिक़ तो कोई खास भाषण ना होकर बस एक ठीक ठीक ही भाषण था ,ज्यादा से ज्यादा १० में से ६ नंबर वाला ,पर फिर भी ठीक था ,अभी उनका पहला भाषण था लालकिले के प्राचीर से |
देश की उन्नति ,रोजगार व्यवसाय ,इम्पोर्ट ,एक्सपोर्ट ,और छोटे छोटे रोजगार करने वालों को भी प्रोत्साहित करने के लिए कजोई कोर कसार नहीं छोड़ी ,
दुसरे गाँवों में साफ़ सफाई ,और महिलाओं के लिए शौच व्यवस्था पर जोर देते हुए प्रत्येक गाँव में इसका इंतजाम करने और ,और सांसदों को एक एक गाँव अपने खेत्र में आदर्श गाँव बनाने की सलाह भी दी और इस प्रकार एक सांसद योजना प्रारम्भ करने का प्रोग्राम भी बनाया ,
गाँवों में बीमा योजना को प्रोत्साहित करने हेतु १ लाख रुपया तक का बीमा कराने का भी वायदा किया ,
इसके बावजूद कुछ शब्द उन्होंने शहीद भगत सिंह के बारे में कहे जो की कुछ लोगों को अच्छे नहीं लगे "जैसे की फांसी पे चढ़ जाने से .........................................आगे मुझे ठीक से याद नहीं ,
और हाँ अपने सम्पूर्ण भाषण में उन्होंने आजादी दिलाने वालों को भी ढंग से याद नहीं किया और स्वामियों का जिक्र अवश्य बार बार किया गया ,जबकि आज का फंक्सन स्वतंत्रता सेनानियों का था नाकि बावाओं या स्वामियों का ,
शहीदों को भी ढंग से याद नहीं किया गया और नाही उनको श्रद्धांजलि दी गई ,केवल जो सैनिक आज हमारी रक्षा कर रहे हैं उनके बारे में दो शब्द कहकर वो भी शास्त्री जी का उद्धरण देकर इतिश्री समझ ली गई ,
पाकिस्तान और चीन को एकबार भी कोई चेतावनी नहीं दी गई जिससे की हमारी कमजोरी जगजाहिर होती है और नाही रूस और अमेरिका से संबंधों की कोई चर्चा या अपनी सैनिक क्षमता का कोई ख़ास जिक्र आया ,और भी बहुत सी ऐसी बाते थी जिनका जिक्र होना चाहिए था परन्तु नहीं हुआ |
मेरे मुताबिक़ तो कोई खास भाषण ना होकर बस एक ठीक ठीक ही भाषण था ,ज्यादा से ज्यादा १० में से ६ नंबर वाला ,पर फिर भी ठीक था ,अभी उनका पहला भाषण था लालकिले के प्राचीर से |
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