क्या आप जानते हैं की जब मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री नहीं थे तो वो बीफ (भैंस और गाय का मांस )के निर्यात पर सदैव चिंता प्रकट करते थे ,और सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार के ख़ास मंत्री गडकरी जी ने बीफ निर्यातक एसोसिएसन की बैठक में भाग लिया था ,उस बैठक में उस एसोसिएसन के पदाधिकारियों ने उनसे मांग की थी की देश में २७०० आधुनिक वध शालाएं स्थापित की जाएँ ,ताकि देश से मांस निर्यात को प्रोत्साहन मिले ,और एक मांग थी कि जानवरों को वेधशालाएं ले जाते समय उन पर पशु क्रूरता नियम लागू नहीं होना चाहिए ,पुलिस या कोई भी संगठन उस में रुकावट ना डाले ,
मजे कि बात है कि गडकरी जी ने उनकी मांगों पर खुले आम सहानुभूति व्यक्त की ,और आश्वासन दिया कि मोदी सरकार देश में पशु वधशालाओं के लिए उदारता से लाइसेंस प्रदान करेगी ,
और उन्होंने ये भी आश्वासन दिया कि पशुओं को वध शालाओं में ले जाते वक्त किसी भी सरकारी गैर सरकारी संगठन और पुलिश किसी को भी रोकटोक करने कि अनुमति नहीं होगी ,
और उन्होंने ये भी घोषणा कि कि देश कि राजधानी दिल्ली में भी १० मॉडर्न वध शालाएं स्थापित कि जाएंगी ,
मोदी सरकार ने जो यंत्र बड़े पशुओं को वध करने के लिए मंगाए जाते थी उनकी ड्यूटी (कस्टम )जो यु पी ऐ सरकार के वक्त १५ % थे उसे घटाकर मात्र ४ %कर दी जिसका मतलब है कि मोदी सरकार ज्यादा से पशु वध को प्रोत्साहन दे रही है ,
जिस राष्ट्रीय सेवक संघ ने कभी गौ रक्षा के लिए आंदोलन चलाया गिरफ्तारियां दीं और देश के हिन्दुओं ने ४० हजार गिरफ्तारियां भी दी थी और जिसमे चारों शंकराचर्य भी शामिल थे और बहुत से गौभक्तों ने जीवन भी बलिदान किया था ६ नोवेम्बर १९६६ को ,परन्तु आज कोई भी भक्त या मीडिया या हिन्दू मंच कोई कुछ भी नहीं बोल रहा ,और इस सरकार ने आज तक गौवध को रोकने का क़ानून अभी तक संसद में भी पेश नहीं किया ,इससे लगता है कि ये वोट कि खातिर सब कुछ टांड पर रखते जा रहे हैं ,
जबकि इस सरकार में साधू संतों महंतों तक का जमावड़ा है पर आज कोई भी कुछ नहीं बोल रहा क्योँकि मोदी जी उनके अपने हैं ,कहा तो ये भी जा रहा है कि इन बीफ निर्यातकों में से कुछ के संबंध भाजपा हाई कमान से है ,
पिछले वर्ष भारत से १९ लाख टन बीफ ,मांस निर्यात किया गया था जिससे २१ हजार करोड़ कि विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई थी परन्तु इस वर्ष सरकार के प्रयास से बीफ का निर्यात २२ लाख टन होने कि संभावना है जिससे अधिक संख्या में विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी ,जिसके लिए मोदी सरकार बधाई कि पात्र है
और यदि मोदी सरकार कि कृपा से २७०० वेधशालाएं देश में खुल गई तो बहुत बड़ी संख्या में मांस निर्यात होगा और अचूक विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी और जिसके लिए हमको निरीह पशुओं का आभार मानना चाहिए जो अपना गला कटवाकर देश को िदेशी मुद्रा अर्जित कराएँगे
अब सवाल ये है कि क्या ये वो ही भाजपा पार्टी है जो देश में किसी भी प्रकार कि निर्दयता ,हिंसा देखना नहीं चाहती थी पर आज इनके सभी पदाधिकारियों या इनके आकाओं को क्या हो गया है जो कुछ भी बोल पाने में असमर्थ हैं या फिर वोट हासिल करने के लिए चुप चाप आँख मींचकर देख रहे है ,
मोदी जी का असली चेहरा नजर आता है कि वो कितने दयालु या अहिंसावादी हैं जो कि महाबीर ,बुध ,राम शयाम और गौ और गंगा को कितना चाहते हैं ,आज वो कुछ क्योँ नहीं ये सब रोक देते |
मजे कि बात है कि गडकरी जी ने उनकी मांगों पर खुले आम सहानुभूति व्यक्त की ,और आश्वासन दिया कि मोदी सरकार देश में पशु वधशालाओं के लिए उदारता से लाइसेंस प्रदान करेगी ,
और उन्होंने ये भी आश्वासन दिया कि पशुओं को वध शालाओं में ले जाते वक्त किसी भी सरकारी गैर सरकारी संगठन और पुलिश किसी को भी रोकटोक करने कि अनुमति नहीं होगी ,
और उन्होंने ये भी घोषणा कि कि देश कि राजधानी दिल्ली में भी १० मॉडर्न वध शालाएं स्थापित कि जाएंगी ,
मोदी सरकार ने जो यंत्र बड़े पशुओं को वध करने के लिए मंगाए जाते थी उनकी ड्यूटी (कस्टम )जो यु पी ऐ सरकार के वक्त १५ % थे उसे घटाकर मात्र ४ %कर दी जिसका मतलब है कि मोदी सरकार ज्यादा से पशु वध को प्रोत्साहन दे रही है ,
जिस राष्ट्रीय सेवक संघ ने कभी गौ रक्षा के लिए आंदोलन चलाया गिरफ्तारियां दीं और देश के हिन्दुओं ने ४० हजार गिरफ्तारियां भी दी थी और जिसमे चारों शंकराचर्य भी शामिल थे और बहुत से गौभक्तों ने जीवन भी बलिदान किया था ६ नोवेम्बर १९६६ को ,परन्तु आज कोई भी भक्त या मीडिया या हिन्दू मंच कोई कुछ भी नहीं बोल रहा ,और इस सरकार ने आज तक गौवध को रोकने का क़ानून अभी तक संसद में भी पेश नहीं किया ,इससे लगता है कि ये वोट कि खातिर सब कुछ टांड पर रखते जा रहे हैं ,
जबकि इस सरकार में साधू संतों महंतों तक का जमावड़ा है पर आज कोई भी कुछ नहीं बोल रहा क्योँकि मोदी जी उनके अपने हैं ,कहा तो ये भी जा रहा है कि इन बीफ निर्यातकों में से कुछ के संबंध भाजपा हाई कमान से है ,
पिछले वर्ष भारत से १९ लाख टन बीफ ,मांस निर्यात किया गया था जिससे २१ हजार करोड़ कि विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई थी परन्तु इस वर्ष सरकार के प्रयास से बीफ का निर्यात २२ लाख टन होने कि संभावना है जिससे अधिक संख्या में विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी ,जिसके लिए मोदी सरकार बधाई कि पात्र है
और यदि मोदी सरकार कि कृपा से २७०० वेधशालाएं देश में खुल गई तो बहुत बड़ी संख्या में मांस निर्यात होगा और अचूक विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी और जिसके लिए हमको निरीह पशुओं का आभार मानना चाहिए जो अपना गला कटवाकर देश को िदेशी मुद्रा अर्जित कराएँगे
अब सवाल ये है कि क्या ये वो ही भाजपा पार्टी है जो देश में किसी भी प्रकार कि निर्दयता ,हिंसा देखना नहीं चाहती थी पर आज इनके सभी पदाधिकारियों या इनके आकाओं को क्या हो गया है जो कुछ भी बोल पाने में असमर्थ हैं या फिर वोट हासिल करने के लिए चुप चाप आँख मींचकर देख रहे है ,
मोदी जी का असली चेहरा नजर आता है कि वो कितने दयालु या अहिंसावादी हैं जो कि महाबीर ,बुध ,राम शयाम और गौ और गंगा को कितना चाहते हैं ,आज वो कुछ क्योँ नहीं ये सब रोक देते |
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