Wednesday, December 10, 2014

नारी जाति की सोच

जब भी चुनाव
सर पर आते हैं
तब बड़े बड़े नेता
हमारे पास आते हैं ,
और हम सबको
अपनी माँ ,बहन ,
बहू बेटी कहकर
बहला फुसला जाते हैं ,
हम भी उससे प्रभावित हो 
वोट देने को जाते है
उनको वोट अपनी देकर
स्वयं को भूल जाते हैं
फिर सोचने लगते है

हमारा नेता कुछ करेगा
हमारे मानसम्मान और
अस्मत की रक्षा करेगा ,
पर जब वो कुछ बन जाते हैं
तो हमको भूल जाते हैं
जब हमारे साथ कुछ हो जाता है
तो नेता नारीयौ को भूल जाता है ,
जो भी  ब्यान नेता देता है
वो विवादास्पद ही होता है
और हमारी रक्षा का प्रणजो किया था
वो उसे अनदेखा कर देता है ,
फिर वो हमको सबक सिखाता है
कभी कपड़ों को कम बताता है 
तो कभी लांछन हम पर लगाकर
दोषी हमको ही बतायां जाता है ,
बलात्कारी को लम्बी प्रकिर्या हेतु 
जेल में भेज दिया जाता है 
और बलात्कार की एवज में कुछ दे
काण्ड को इत्ती श्री  कर दिया जाता है |
 






















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