Sunday, April 3, 2016

bhrun htya

मेरे विचारों के अनुसार भ्रूण हत्या ,लड़कियों को गर्भ में मारने  के. अलावा पैदा होने पर  उसे कुपोषण का शिकार बनाना ,या धीरे धीरे हल्का विष यथा दूध में नमक मिलकर पिलाना ,या घर में बचपन से ही उसे घर के काम काज कराना ,या किसी भी दुर्घटना का शिकार बना देना ,इस सबका कारण है की लड़की किसी भी तरह युवा अवस्था को प्राप्त ना कर ले , क्योँकि यदि वो युवा हो गई तो उसकी शादी करनी पड़ेगी ,और शादी करने हेतु धन चाहिए" क्योँकि दहेज़ रुपी दानव ने गरीब से लेकर अमीर तक ,और सभी धर्मों और जातियों को इस कदर जकड रखा है कि बिना दहेज़ के शादी नहीं होती" ,इसी कारण  तो बहुत से इज्जतदार अभिभावक मृत्यु तक को खुद गले लगा  लेते हैं अथवा पुत्री को ही मार देते है ,क्योँकि ये दखियनूसि समाज उनको जीने भी तो नहीं देता ।
यदि समाज या सरकार इस दहेज़ रुपी दानव को समाप्त कर दे और सरकार  इसके लिए कड़े दण्ड की व्यवस्था कर दे तो ,यानि की दहेज़ लेना और देना दोनों को ही अपराधिक श्रेणी में रख कर कार्यवाही कराये ,दुसरे गरीब और अमीरों दोनों को ही एक प्लेट फॉर्म पर रखे तो मैं गारंटी से कह सकता हूँ की लड़कियों की सभी प्रकार से हत्याएं होनी बंद हो जाएँगी , इससे     एक सभ्य ,सुशिक्षित समाज की स्थापना भी हो सकेगी ,और देश भी प्रगति के पथ पर अगर्सर होगा
और शादी के लिए कोर्ट में रजिस्ट्रार का ही प्रावधान हो ।
इसलिए यदि लड़कियों को बचाना है ,और भ्रूण हत्या  रुकवाना  है तो अब ये जरूरी हो गया  है कि दहेज़ को पूर्णत समाप्त करने के लिए और संविधान  में कानून पास किया जाए की दहेज़ देने वाले और लेने वाले दोनों को ही जेल के साथ साथ जुरमाना भी भरना पड़े ,तभी इस  समस्या का समाधान हो सकेगा वर्ना तो भ्रूण हत्याएं भी होती रहेंगी और दहेज़ की बड़ी पर कन्याएं भी चढ़ती रहेंगी और
नेता  अपनी जुबानी जमा खर्ची  करते रहेंगे




   

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