नीबू को तो निचोड़ कर
कूड़ेदान में फेंक दिया जाता है
पर व्यक्ति तो स्वयं ही निचुड़कर
एक दिन काल के गर्त में समां जाता है
यदि व्यक्ति किंचित्न सा संयम करले
तो देवों का देव महादेव बन जाता है
जैसे नीबू स्वयं का बलिदान करके
भोजन को अति स्वादिष्ट बनाता है ।
कूड़ेदान में फेंक दिया जाता है
पर व्यक्ति तो स्वयं ही निचुड़कर
एक दिन काल के गर्त में समां जाता है
यदि व्यक्ति किंचित्न सा संयम करले
तो देवों का देव महादेव बन जाता है
जैसे नीबू स्वयं का बलिदान करके
भोजन को अति स्वादिष्ट बनाता है ।
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