Thursday, December 29, 2016

haluaa or khaluaa

"हरामियों को हलुआ ,और मेहनतकशों को खलुआ "
जी हाँ ,आज मोदी राज में ऐसा ही हो रहा है ,जितने भी देश में बड़े बड़े धनाड्य लोग है और मोदी जी भक्त भी हैं वो सभी अपने अपने घरों में गुलाबी नोटों की बोरियां भर भर कर घरों में बैठे हुए तरह तरह के हलुए खा रहे हैं ,और गरीब मजदूर , मेहनत कश किसान ,छोटे छोटे वेंडर ,सब्जी भाजी वाले ,और यहाँ तक की हमारे देश के जवान तक भी बैंकों की लाइनों में लगकर ,अपने ही जमा किये हुए रुपयों ,को प्राप्त करने हेतु और वो भी २ या ढाई हजार रूपये के लिए गश खा कर प्रीतिदिन मर रहे हैं क्योँकि वो सुबह ४ बजे ही भूखे प्यासे लाइनों में लग जाते है ,और अब तक लगभग १२० व्यक्ति स्वर्ग सिधार चुके हैं ,उनको तो हलुआ की जगह मिलता है खलुआ ,यानी की डंडा ,और वो भी पुलिस वालों का ,जो आंख मीचकर दे दना दन पेलते हैं ,पर कोई सुनने वाला नहीं ,अंधेर नगरी चौपट राजा ,चाहे हो मोदी चाहे हो प्यादा
अब आज ५० दिन पूर्ण होने के बाद तो मुझे ऐसा प्रतीत होता है की मोदी जी और उनके प्यादे ,यानी की पूरी सर्कार ही और आक्रामक हो गई है यदि आज उनसे बात की जाए तो तो फाड़कर खाने को तैयार हैं ,या आपके कपडे फाड़ देंगे और मिडिया भी उनके माल खाये हैं तो उनका ही गाना  बजाये हैं

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